प्रेम रूप नर्सिंग होम में लापरवाही से मृत्यु के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग छतरपुर के द्वारा दिया गया 50 लाख क्षतिपूर्ति का आदेश"
छतरपुर जिला उपभोक्ता आयोग के द्वारा दिनांक 12 जून 2025 को प्रसूता श्रीमती अर्चना मिश्रा आयु 35 वर्ष की डिलीवरी के दौरान मृत्यु दिनांक 10/06/2024 को होने के मामले में मृतिका की नवजात पुत्री कु. काव्या,गौरी,संस्कृति व पति संदीप मिश्रा ने मनोज उपाध्याय अधिवक्ता के माध्यम से प्रेम रूपा अस्पताल छतरपुर एवं उसकी चिकित्सक डॉक्टर रश्मि के विरुद्ध उपचार में कमी से मृत्यु होने के संबंध में शिकायत जनवरी 2025 में प्रस्तुत की थी। शिकायत में परिवादी गन की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि डॉक्टर रश्मि द्वारा डिलीवरी करने में विलंब किया गया क्योंकि हॉस्पिटल में कोई भी एनेस्थीसिया डॉक्टर मौजूद नहीं था नॉर्मल डिलीवरी होने के बाद प्रसूता को अत्यधिक मात्रा में रक्त बह रहा था ,रक्त को रोकने एवं परिजनों द्वारा लाकर दिए गए रक्त को रोगी को चढ़ाने में प्रेम रूपा हॉस्पिटल के चिकित्सक असफल रहे। रोगी को मरणासन्न जानते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया जबकि रोगी का जीवन बचाने के लिए गर्भाशय की सर्जरी कर गर्भाशय निकाल देना चाहिए था। इसी तरह की जांच रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कमेटी द्वारा भी दी गई थी कि रोगी की जान बचाने के लिए गर्भाशय की सर्जरी की जानी चाहिए थी। अनावेदक गण के अस्पताल में ICU एवं आवश्यक सुविधाएं मौजूद नहीं थी एवं मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन न करने से रोगी की मृत्यु लापरवाही से होना मानते हुए आयोग द्वारा सभी मदों में रितिक की पुत्री एवं पति को संयुक्त रूप से लगभग 50 लाख रुपये छतीपूर्ति प्रेम रूपा हॉस्पिटल, डॉक्टर रश्मि एवं बीमा कंपनी को आदेश दिए गए हैं ।प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी मनोज उपाध्याय एडवोकेट द्वारा की गई थी सहयोगी के तौर पर छतरपुर के सूरज देव राठौर सम्मिलित रहे ।